क्यों मन बेचैन है न जाने कोनसा दर्द आ गया न जाने कब इस कहानी में एक बेरुखी सा मोड़ आ गया ऐसा लगता है वो मेरे बिना जीना सीख गया वरना जो रोज आंशू ही आते थे आज आंशू के साथ रोना भी आ गया True Love