इन महलो और वीरानों में क्यों ख़ामोशी का मेला है, दिल, खुद को यू समज़ा ले तु दुनिया में अकेला है। क्यों शोरगूल है खेलों का जो बेक़ाबू मंज़र सा है, कोई परछाई सा हल्का है कोई भारी बैरन तरसा है। ये इंसानो की बस्ती है जो अंधेरो पे चलती है, उजियारो की जोड़ नहीं ये चपटी वाली धरती है। #dharmuvach✍ ये ख़ाली सोफ़े शिकायत करते हैं #flatearth #flatearthers #dharmuvach कोई आता नहीं... #कोईआतानहीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi