Nojoto: Largest Storytelling Platform

वर्षों से भीतर मेरे एक युद्ध सदा ही होता है कोई जो

वर्षों से भीतर मेरे
एक युद्ध सदा ही होता है
कोई जो राम
और कोई बन रावण
घायल मुझको ही करता है..
एक हुँ मैं और
एक मुझसा कोई
भीतर मेरे ही रहता है
जाने इनमे से कौन
मेरे हित कि यहाँ कहता है..
शिथिल सा हो
अस्तित्व भी मेरा
संग इनके ही रहता है
पर इसकी यहाँ सुनता कौन
मुक बना यह रहता है..
शायद मैं या
कोई है मुझमे
जो मुझे ही पाने को
भीषण समर को
सदैव आतुर हुआ रहता है..
वर्षों से भीतर मेरे
एक युद्ध सदा ही होता है..
एक युद्ध सदा ही होता है..

©Jai Pathak
  #मुझमे