दोस्तों एक अधूरी कहानी आधारित है एक ऐसे पंछी पर जिसने किसी अपने पर अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था, अपने आप को भुलाकर बस उसी अपने की समृति को अपने दिल और दिमाग में बसा लिया था परंतु उसकी यह कहानी अपने चरम पर पहुंच पाएगी आइए देखते हैं जोधपुर के आकाश की कहानी................ बात july 2017 की है जब आकाश कोटा के प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट एलेन में इंजीनियर की कोचिंग हेतु जाता है! जोधपुर के छोटे से गांव से निकल कर कोटा के भव्य बवंडर को देखना उसके लिए मंत्रमुग्ध कर देने वाला था! आंखों में सपने लिए इक नए जोश के साथ अकाश अपने आप को कोटा के पर्यावरण में अनुकूलित करता है ! इंस्टीट्यूट के थोड़े दूर ही आकाश का हॉस्टल बालाजी है, अनूठी प्रतिभा का धनी आकाश पढ़ाई में काफी होशियार है इंस्टीट्यूट के हर सप्ताहिक और मासिक परीक्षाओं में टॉप50 मैं रैंक लाता है उसकी इस प्रतिभा को देखकर आकाश के माता पिता और यहां तक कि इंस्टीट्यूट के निदेशक भी आकाश से मुख्य परीक्षा में अच्छी रैंक लाने की उम्मीद पाल लेते हैं , खुद आकाश भी अपने इस कौशल पर अभिमानित हो उठता है! अब उसे इंस्टीट्यूट में आए 3 महीने हो गए हैं अक्टूबर का यह महीना उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ लेकर आने वाला है आज दिन है 12 अक्टूबर का अपने हॉस्टल में आकाश मस्ती के माहौल में झूम रहा है क्योंकि गत टेस्ट में उसने इंस्टीट्यूट में टॉप 10 मैं रैंक हासिल की है कमरा नंबर 14 में रहने वाला आकाश अपने सामने वाले कमरे 21 मे अपने अजीज मित्र रोहन के पास जाता है आना जाना तो इस कमरे में उसका पहले दिन से ही था क्योंकि रोहन उसका इंस्टीट्यूट और हॉस्टल में पहला दोस्त था परंतु आज कमरे में उसे एक नया परिवर्तन नजर आया जिसने उसकी जिंदगी को ही परिवर्तित कर दिया........................... निरंतर जारी