कश्मीर जुड़ा, केरल जुड़ा, बंगाल, राजस्थान जुड़ा, कई दिलों से दिल जुड़े, धर्म जुड़ा ईमान जुड़ा, कुछ ऐसे सच से जुड़ जुड़ कर, सच्चाई और ईमान बना, तीनो रंगों में मिलकर फिर ये मेरा हिन्दुस्तान बना।। जय हिन्द। (पूरी कविता कैप्शन में) मन में थोडा क्रोध था, थोड़ी दिल में अभिलाषा थी, तोड़ेंगे इक दिन पिंजरों को, पंखों में इतनी आशा थी, सब एक चले सब साथ चले, हाथों में लेकर हाथ चले,