भौये ढीली, गर्दन झुकी, इतना परेशान क्यों है? सब इनसे से खेलते हैं,ये इतना आसान क्यों हैं? तुम्हारी रैलियों में हिंसा का खुला स्थान क्यों है? तुम भारतीय हो तो,नारों में खालिस्तान क्यों हैं? Read below...... in caption. सब इनसे से खेलते हैं, ये इतना आसान क्यों हैं। क्यों तुम ठिठुरती सर्दियों में सड़कों पर उतरे हो। क्यों अपनी ही सरकार से नाराज हो यूँ उखरे हो। तुम्हारी नियत साफ,मंशा स्पष्ट,मांग भी जायज है। लेकिन तुम्हारे मांगने का तरीका, ये नाजायज हैं। तुम्हारी रैलियों में हिंसा का खुला स्थान क्यों है। तुम भारतीय हो तो ,नारों में खालिस्तान क्यों है।