तारीफ के पुल नही ' मकसद का पहाड़ हिलाया हे गुरुर नहीं अंदर से ' खुद पर विश्वास आया हे ये जो महसूस हो रहा ' साया नही रोशन सवेरा हे मेरे नज़दीक जो ' वो प्रकाश गहरा है #NATIONAL_GREAT_POETRY_READING_DAY मेरी #दहलीज पर से किसी का #साया भी अगर गुजरे #एहसास तेरा होता है सारा #दिल का #कुसूर हे चेन भी यही #खोता हे ' #निगाहों में भी यही #रोता हे