तुम हो ना, तो ये जहाँ खुशियों का समन्दर सा लगता हैं लगते हैं हसीं नज़ारे और दिलकश ये मंजर सा लगता हैं तुम हो ना, तो अजब सी महक उठती है फिज़ाएँ सारी हर इक उड़ता हुआ परिंदा यहाँ मुझे अंजर सा लगता हैं तुम हो ना, तो सामने देखकर तुमको मैं खो ही जाता हूँ मेरा इक अक्स मुझको तुझमें किसी संजर सा लगता हैं तुम हो ना, तभी लहलहाती है हरियाली चारों ओर यहाँ तुम ना हो, तो हर ज़र्रा ज़र्रा मुझको बंजर सा लगता हैं तुम हो ना, तो मैं मद्धम लहरों सा किनारे पर ही रहता हूँ तुम ना हो गर तो एक सैलाब फिर मेरे अंदर सा लगता हैं तुम हो ना !! 💕 #अनकहेअल्फ़ाज़ #अंजर #मंजर #संजर #बंजर #yqdidi #yqbaba