जिस्म... कैसा लगेगा आपको अगर आप नीले आसमाँ के नीचे खुली धरती में हो। यकीनन अच्छा लगेगा। पर जमीं चारों तरफ रेत से भरी हुई हो।थोड़ा बुरा लग सकता हैं। तभी अचानक आपकी नजरें आसमान में उड़ रहे गिद्धों पर पड़ती हैं जो आपके मरने का इंतजार कर रहे हैं आपको नोचने के लिए। फिलहाल तो अभी कुछ भी नहीं हुआ हैं। सोचो आपके जिस्म पर एक भी कपड़ा न हो। बुरी हालत हो जाएगी आपकी। ऊपर गिद्ध नीचे रेगिस्तान और दूर तक उम्मीद की कोई किरण नहीं। मेरी भी यहीं हालत थी बिल्कुल आपके जैसी। फर्क सिर्फ़ इतना था कि मैं सड़क पर चली जा रही थी और सब मुझे घूर रहे थे। जब मैंने खुद का आंकलन किया तो शरीर पर कपड़े का क शब्द भी नहीं था। तेजी से चलने की कोशिश कर रही पर जैसे जंजीरों ने जकड़ लिया हो। गिद्ध रूपी लोगों का वहशीपन उनकी आँखों की पुतलियों में तांडव कर रहा था। खुद को ढकना चाहा हाथों से पर सब व्यर्थ। कुछ परछाईयाँ मुझे छूती हुई महसूस हुई। अचानक किसी ने मुझे अपनी तरफ खींचा और...