इंतज़ार नहीं अब तेरी रज़ा का, राह देखूँ अब तो अपनी कज़ा का। कुछ मियाद तो मुकर्रर कर दे ऐ ज़ालिमा, ये जो लम्हा ख़तम नहीं होता मेरी सज़ा का।। ©Sandeep Kumar Soni #Likho #intejar #raza #kaza #raah #Miyad #Mukarrar #Zaalima #saza