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इस प्यार को मैं इश्क कहुँ, कि उल्फत कहुँ या फिर मु

इस प्यार को मैं इश्क कहुँ, कि उल्फत कहुँ या फिर मुहोब्बत कहुँ
ये सब अंदाज है दिलों की कशिश के जिन्हें मैं चाहत कहुँ ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की।

♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।
इस प्यार को मैं इश्क कहुँ, कि उल्फत कहुँ या फिर मुहोब्बत कहुँ
ये सब अंदाज है दिलों की कशिश के जिन्हें मैं चाहत कहुँ ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :)

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