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जब मैं अनंत ऊँचाई पर था तब जाकर तुमने बताया की प्

जब मैं अनंत ऊँचाई पर था 
तब जाकर तुमने बताया की प्रेम नहीं है . . .
 वैसे ऊँचाई इसलिए थी 
क्यूँकि चंद्रमा तुम्हारी ज़िद थी और तुम मेरी . . 
अब जो गिर गया हूं यहाँ से 
तो हड्डियों की तरह कई अरमान भी टूट गए है 
बस अब किसी वृक्ष की पर्णहीन शाखाएँ 
अगर मुझे सहारा दे दें , 
तो मैं जीवित रहूँगा कमर से ह्रदय तक . . अधूरा
जब मैं अनंत ऊँचाई पर था 
तब जाकर तुमने बताया की प्रेम नहीं है . . .
 वैसे ऊँचाई इसलिए थी 
क्यूँकि चंद्रमा तुम्हारी ज़िद थी और तुम मेरी . . 
अब जो गिर गया हूं यहाँ से 
तो हड्डियों की तरह कई अरमान भी टूट गए है 
बस अब किसी वृक्ष की पर्णहीन शाखाएँ 
अगर मुझे सहारा दे दें , 
तो मैं जीवित रहूँगा कमर से ह्रदय तक . . अधूरा
ajaypanday0093

ajay panday

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