Nojoto: Largest Storytelling Platform

.... पैसे पर कविता... पापा मुझको आज बताओ इस पैसे

.... पैसे पर कविता...

पापा मुझको आज बताओ
इस पैसे की अजब कहानी
रुपया नोट सिक्का धेला
शक्लें है जानी पहचानी

क्यों पैसे ही देकर मिलता
मुझको छोटा बड़ा सामान
जहाँ भी देखें पैसे पर ही
रहता सदा ही सबका ध्यान
पैसे से होती है क्या आसानी
रुपया नोट सिक्का धेला
शक्लें है जानी पहचानी

पापा बोले सच है जानो
पैसे का है जटिल खेल
इन पैसों ने हल कर डाले
लेन देन दुनिया के निराले
पैसों की है सब मेहरबानी

रुपया नोट, सिक्का धेला
शक्लें है जानी पहचानी ।

©KUMAR NARESH
  #Chess #पावर #Money