वक्त की आंधियों में साथ थामें रखना, सुना है जिम्मेदारियों के भॅंवर मुंह बाये खड़े हैं.. #वक्त#आंधियां#भॅंवर#जिम्मेदारी SHWETA SANJEEV GUPTA से प्रेरित हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छूटा करते वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते (गुलज़ार साहब)