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क्या कहु अब तो,अभी इजेहार बांकी है, मीलन की आस बां

क्या कहु अब तो,अभी इजेहार बांकी है,
मीलन की आस बांकी है,
दिलो का प्यास बांकी है,
इवादत भी अभी तो अधुरा है,
सनम है सबनमी तेरी पलके,
और अभी तो रात बांकी है!! क्या कहुं अब तो,
क्या कहु अब तो,अभी इजेहार बांकी है,
मीलन की आस बांकी है,
दिलो का प्यास बांकी है,
इवादत भी अभी तो अधुरा है,
सनम है सबनमी तेरी पलके,
और अभी तो रात बांकी है!! क्या कहुं अब तो,