घर की तन्हाई में गमों का, एक किनारा मेरा है। कोई ना अपना है यारों, चारो तरफ़ अंधेरा है। हर इंशा को आज यहां पर, बेशक ग़म ने घेरा है। सुख में साथी सभी हुए हैं,दुःख में ग़म का मेला है। घर की तन्हाई, किसे रास आई! #घरकीतन्हाई #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi