ना जाने आजकल कहाँ मशगूल है ये ज़िन्दगी.... अब सारे ग़मों को चुपचप सहती है। शायद हो चुकी अब फिजूल है ये ज़िन्दगी.... मौत के इंतेज़ार में छटपटाती सी रहती है। #kaafir_writes बूढ़ा #nojoto #nojotopoetry #nojotohindi