#FourLinePoetry थोड़ा रास्ता और छोड़ दो, टूटा नहीं हूँ अभी भी थोड़ा और तोड़ दो, मंजिल मिली नहीं है अभी चलो राह में अभी भी तन्हा छोड़ दो..... ©Sakshi yadav #मजिल ऐसी भी #fourlinepoetry