माँ ..................❤❤ ------------------------- अक्सर तुम्हारी जिक्र होने पर माँ, मै रो देता हूँ कितना नासमझ हूँ, तेरे पास होकर तेरी एहमियत खो देता हूँ। ख्वाब में भी तुझसे दूर होने का डर मुझे सताता है, रातों को जब नींद ना आये तेरी कहानियां सुन लेता हूँ। तु है तो मेरे सपनों में जान है, कभी रूक जाने पर तेरी डांट सुन लेता हूँ। माँ तु कितनी भोली है रे! तुम्हारी गुस्से में भी प्यार पहचान लेता हूँ। 🌷सुप्रभात🌷 🔴 प्रतियोगिता संख्या - 01 ... 🔴 शीर्षक - माँ ... 🔴 सुंदर शब्दों से छ: पंक्तियों में रचना लिखें ...