प्रसव के समय मेरे पास कोई ना था गर्भ को मीठा, खट्टा, तीखा कोई स्वाद ना मिला कोई दाई, कोई वैद्य, कोई अस्पताल ना मिला दो आत्माओं के मिलन से उभरे गर्भ ने एक कविता जनी मेरी आत्मा एक आक की भाँति इस कविता को दूध देगी ये कविता कभी नहीं कहेगी कि तुम इसके पिता हो........ ©Manali Rohan #manalirohan #loveformother