सयुंक्त परिवार का एक मुखिया संभाल लिया करता था सबको फिर पढ़ाई लिखाई की तो जाना कि अपने भी तो हक़ अधिकार हैं संयुक्त परिवार टूटकर एकल हुआ अब उच्च शिक्षा लेने लायक हो गए अब जान गए कि मैं भी तो कुछ हूँ एकल परिवार भी मैं और तू में..... कचहरियों से निर्धारित होने लगा कि बच्चे किसके साथ रहेंगे और वे महसूस कर सके चुभन रिश्तों की। जो चुकाई धीरे धीरे पढ़ाई क़िस्तों की। ♥️ Challenge-868 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।