खामोशी मेरी बोली मुझसे करनी हैं कुछ बातें तुझसे तूफ़ां है जो दिल के अन्दर बन जाने दे उसे समंदर रोक ना अपने जज्बातों को बह जाने दे अल्फ़ाज़ो को तू बावरी है छल ना जाने इसको, उसको, ख़ुद सा माने प्रेम में विष को पीने वाले एक का होकर जीने वाले इक्का - दुक्का ही दिखते हैं वरना बाक़ी तो सब यूं बिकते हैं अच्छा है तू भीड़ का हिस्सा नहीं हर मूंह पर हो जो वो क़िस्सा नहीं दूर ही रहना तू ज़माने की अय्यारी से ख़ुदपरस्ती और फ़रेब की दुनियादारी से सुन, दोस्त हों कम, पर अच्छे हों साथ निभाएं सदा और सच्चे हों मुस्कान को अपनी ज़िंदा रखना मन को उड़ता परिंदा रखना कोमल है तू, कमज़ोर नहीं है जो कभी ना हो वो भोर नहीं है इसलिए दूर ना जाना कभी तू ख़ुद से जैसे चुभता है कोई शीशा उफ्फ से ख़ामोशी मेरी बोली मुझसे करनी है कुछ बातें तुझसे ©Roohi Quadri #Opinion_matters #Shayari_Gazal #Thinkaboutit