SERIES : "अपना अपना मन" PART-4 दुकानदार का मन- अरे भैया समय कहां रह गए थे चलो वजनी चुंबक तराजू में चिपका दो और वो देखो दाल की सस्ती बोरी आयी हैं इनमे थोड़ा सा स्वाद पत्थर का भी मिला दो -प्रेरित A selfish talk with time... #hindisahitya #hindipoemwriting #poems #poetsofinstagram #literaturecommunity #writerscommunity #writings #kavita #kavishala #quotescommunity