मुझे गर्व है, मैं रावण हूं,मैं तो गंगाजल सा पावन हूं, मैं तो प्रयागराज का एक बाहमन हूं,मैं ही वो लंका पति दसानन हूँ, बनाई है मैंने एक सोने की लंका,मेरे ज्ञान का पूरे संसार में डंका, बस थोड़ा ऊपर से सख्त हूँ,मैं तो अपने भोले का भक्त हूँ, सूर्पनखा का अहंकार हूँ,मैं तो शून्य का आकार हूँ, मैं तो त्रेता युग का मायावी दानव हूँ, तेरे इस कलयुग का देवतारूपी मानव हूँ, आज मेरे दस सरों को कैसे जलाओगे,? बीस हांथों का बल क्या तुम संभाल पाओगे?, कब तक सीता से अग्नि परीक्षा दिलवाते रहोगे?, क्या हरदम ऐसे ही दशहरा मानते रहोगे? रावायण!! #raavaayan #raavan #dusshera #devilinside