चाँद से मेरा नाता कुछ अनोखा सा लगता है, शब्दों में ना हो बयाँ, ऐसा हमदर्द वो मेरा बनता है तारों से लड़कर वो जब मुझसे मिलने आता है खबर मेरे महबूब की वो चुपके से सुनाता है (अनुशीर्षक में पढ़ें) चाँद से मेरा नाता कुछ अनोखा सा लगता है, शब्दों में ना हो बयाँ, ऐसा हमदर्द वो मेरा बनता है तारों से लड़कर वो जब मुझसे मिलने आता है