अपनों ने अपनापन कुछ इस तरह दिखाया है,सुलगते हुए रिश्तों में निज स्वार्थ डाल आग लगाया है... मतलब हुआ भारी इतना रिश्तों पर,मरहम दिखा जहर लगाते लोग, और ख़ुद को हमदर्द बताया है... न बची इंसानियत ना खौफ़ ख़ुदा का, जाने ये कैसा मतलबी दौर आया है.. ©Chanchal's poetry #nojotowriters #BlackTruth #fakeemotions