#नादानी# सारी रात मैं एक नींद को तड़पता रहा। रोता रहा फ़कत करवटें बदलता रहा। कोई मरहम रखनें न आया जख्म पर मेरे, और मैं रात भर दर्द से सिसकता रहा। बेवफा़ है ज़माना और तू "नादान' असित, जो उनके दर्द को अपना दर्द समझता रहा। #nadani #kavita #ihopeyoulike