हर शाम ढलती है नया दिन निकलता है सूरज की पीली आभा अस्त होने को कहती है चंदा की हल्की रोशनी बादलों के झुरमुट से अठखेलियां करती रहती है दूर गगन में रोज-रोज यही नजारा होता है एक सच को झूठ बनाकर हम जीते रहते हैं ऐसे ही एक दिन इस जीवन का भी अंत होना है मौत को तो आना है जीवन मरण का यह पहिया घूमता ही रहता है यह चक्रव्यूह है ही ऐसा इसकी रचना से ना कोई बच पाता है। सांझ का समय जीवन को संदेश देता है #सूरज#चंदा#आभा#लालिमा #nojotoapp#nojotohindi #nojotopoetryapp