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तुम शायद भुल गयी होगी मैं नहीं भुला वो 2 साल जिस

तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
वो 2 साल जिसमे हम साथ थे 
कसमे थी, वादे थे 
दोनो के सपने कुछ खास थे. 
उन सपनो को सच करने का जुनुन था. पागलपन था.. 
उस पागलपन की हद को 
तुम शायद भुल गयी होगी.
मैं नहीं भुला 
मुझे याद है वो दिन तुम्हारे घर के पिछे गली मे तपती धुप मे तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था तुम दोड के आयी और मेरे पिछे बेठ गयी.. मैं चिल्ला रहा था और तुमने हल्के से headphone का एक तार मेरे कानो मे डालकर दूसरे कान की तरफ़ हलके से कहा i am sorry.. मानो वक़्त रुक सा गया था किसी movie की तरह एक तरफ़ romantic धुन चल रही हैं.. मेरा गुस्सा मानो समुन्दर की तेज उठ्ती लहरों को किनारा मिल जाने जितना शान्त हो गया था.. माथे की सलवटे   मुश्कान में तब्दिल हो चुकी थी 
उस live romantic movie को 
तुम शायद  भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
कैसे भुल जाउ वो पल प्यार के तराजु के एक तरफ़ मैं था एक तरफ़ तुम्हारे माँ पापा.. 
आँखो में आन्शू लेकर तुमने मा पापा के तराजु का वजन को भारी कर दिया और मेरे सीने के वजन को पल भर में हल्का कर दिया.. 
दिमाग चिल्ला रहा था रोकले उसको बर्बाद हो जायेगा समझा उसको पर दिल एक ही सवाल पुछ रहा था क्या मेरा प्यार उसके माँ पापा से ज्यादा है 
वो पल जरुर हार गया पर उसने हमारे प्यार को जीता दिया 
ना हम तब गलत थे ना अब ..
गलत था तो हमारा वक्क्त हमारी किश्म्त ..
उस किश्म्त और तकदीर के खेल को
तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
तुम्हे मैं गलत लगने लगा 
तुम्हारी खुशी से मैं गलत ही सही 
एक साल बाद तुम मेरे सामने हो पर मै आंख नहीं मिला पा रहा था मानो मैने कोई गुनाह किया था ..दिल तेजी से धड़क रहा था दिल को समझाता तब तक आंखे ने मोती पिरो लिये थे.. 
वहा से निकल जाना मेरी सबसे बड़ी कमजोरी थी.. 
इंसान को उसकी कमजोरी खोखला कर देती हैं मुझे मेरी कमजोरी ने बहुत भर दिया था... 
भीतर के इस भारीपन को 
तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला
मैं कभी तुम्हारी life मे था भी कभी जाना ❤
तुम शायद भुल गयी होगी
मैं नहीं भुला
तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
वो 2 साल जिसमे हम साथ थे 
कसमे थी, वादे थे 
दोनो के सपने कुछ खास थे. 
उन सपनो को सच करने का जुनुन था. पागलपन था.. 
उस पागलपन की हद को 
तुम शायद भुल गयी होगी.
मैं नहीं भुला 
मुझे याद है वो दिन तुम्हारे घर के पिछे गली मे तपती धुप मे तुम्हारा इंतज़ार कर रहा था तुम दोड के आयी और मेरे पिछे बेठ गयी.. मैं चिल्ला रहा था और तुमने हल्के से headphone का एक तार मेरे कानो मे डालकर दूसरे कान की तरफ़ हलके से कहा i am sorry.. मानो वक़्त रुक सा गया था किसी movie की तरह एक तरफ़ romantic धुन चल रही हैं.. मेरा गुस्सा मानो समुन्दर की तेज उठ्ती लहरों को किनारा मिल जाने जितना शान्त हो गया था.. माथे की सलवटे   मुश्कान में तब्दिल हो चुकी थी 
उस live romantic movie को 
तुम शायद  भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
कैसे भुल जाउ वो पल प्यार के तराजु के एक तरफ़ मैं था एक तरफ़ तुम्हारे माँ पापा.. 
आँखो में आन्शू लेकर तुमने मा पापा के तराजु का वजन को भारी कर दिया और मेरे सीने के वजन को पल भर में हल्का कर दिया.. 
दिमाग चिल्ला रहा था रोकले उसको बर्बाद हो जायेगा समझा उसको पर दिल एक ही सवाल पुछ रहा था क्या मेरा प्यार उसके माँ पापा से ज्यादा है 
वो पल जरुर हार गया पर उसने हमारे प्यार को जीता दिया 
ना हम तब गलत थे ना अब ..
गलत था तो हमारा वक्क्त हमारी किश्म्त ..
उस किश्म्त और तकदीर के खेल को
तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला 
तुम्हे मैं गलत लगने लगा 
तुम्हारी खुशी से मैं गलत ही सही 
एक साल बाद तुम मेरे सामने हो पर मै आंख नहीं मिला पा रहा था मानो मैने कोई गुनाह किया था ..दिल तेजी से धड़क रहा था दिल को समझाता तब तक आंखे ने मोती पिरो लिये थे.. 
वहा से निकल जाना मेरी सबसे बड़ी कमजोरी थी.. 
इंसान को उसकी कमजोरी खोखला कर देती हैं मुझे मेरी कमजोरी ने बहुत भर दिया था... 
भीतर के इस भारीपन को 
तुम शायद भुल गयी होगी 
मैं नहीं भुला
मैं कभी तुम्हारी life मे था भी कभी जाना ❤
तुम शायद भुल गयी होगी
मैं नहीं भुला