एक ज़ोहरी ने मुझे तराश कर हीरा बनाया था मैं कहाँ काँच के बाज़ार में ख़ुद का सौदा करने लगा जिसके भय में रहके निर्भय बनना था मैं उसे ही भूल कर हर बात से डरने लगा ए मन ध्यान लगा और पहचान ख़ुद को सारी क़ायनात तेरे साथ है जब भी इश्क़ हक़ीक़ी में जीते जी मरने लगा ©Rahul Sethi #Dark #Self #लव #Love #Introspection