आरजू जो तुझसे मिलने की , मैने खुद से कर ली । मैं जीता रहा कि मरता रहा कि घुटता रहा , पता नहीं किस पथ से गुजरता है । तू न आती न जाती, मगर तेरा अक्श मेरे पलकों में आता रहा जाता रहा । तू कभी नींद में मुझको जगाती कभी मीठी सी नींद सुलाती पर तुझको खबर नही ये मेरे को खुद से ही दूर ले जाती । अब किस्से में सजदा करूँ , हर दुआ तो मेरी तेरे लिए मांगी जाती । तू न आती न मेरे दिल से है जाती , तुझे खोने का हर एक डर मुझे बता जाती । तू आती न मेरे दिल से है जाती , बस तेरी हर याद मुझे सता जाती । अब आ जा या मेरा साया मुझे लौटा जा , बिन साये के मेरी मौत भी मुझे लेने नहीं आती । तू आती न मेरे दिल से जाती .... ~शिव #firstrap