"बना कर रख दी है तन्हाइ की एक लड़ी घर परिवार यार दोस्त सब से हो गई दूरी l फस गए है सब एक काल्पनिक दुनिया मे, जिसे लोग कहते हैं सोशल मीडिया! वो अब है सबसे बड़ी l" full poem in caption कहां लोग शाम को एकजुट होकर चाय का मजा लेते थे, अब तो snapstories से ही मजा ले लेते हैं l वो पहले गिल्ली डनडा और कबड्डी एक साथ खेलते थे अब तो एक कोने मे बैठकर pubg ऑनलाइन खेल लिया करते हैं l वो जिंदगी की चहल पहल कहीं थम सी गई है, सोशल मीडिया में कही खो सी गई है l जहां पहले लोग घर जाके देते थे निमंत्रण, अब तो बर्थडे invitation भी whatsapp से देने लगे है l