जिसे चाहा वो आज मुझसे खोया , इश्क़-ए-तन्हाई में मैं बेहद रोया...$$!! यूँ वादे तोड़ना ही था शायद तेरा वादा निभाना कोई और मंज़िल था तेरा कहीं और था ठिकाना तोहफ़े देने की फितरत भी तेरी कमाल की है न कोई खबर पहले से न बताना न जताना यूँ तुझसे बिछड़ना भी अब आसान नहीं है कौन चाहता है आखिर अपना ही घर छोड़ के जाना 🖤