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आज दोपहर इनसे मिला, पहचान नही पाए ये हमको नाम बताय

आज दोपहर इनसे मिला,
पहचान नही पाए ये हमको
नाम बताया
याद दिलाया
तो थोड़े गुस्से में बोले,
"बीस बरस के बाद कोई मिलने आता है।"

घंटों बैठे , गुजरे जमाने की सारी बातें कर डाली,
बीच मे मैंने पूछ लिया था
बगल का पेड़ कहा है,
जिसकी झुकी हुई एक शाख पे हमने कितनी दुपहरी काटी है..?
आंखों में आँसू भरके..वो मुश्किल से इतना बोला..
दोस्त था मेरा, बूढा होकर सूख गया था।

चलने को तैयार हुआ तो बोल पड़ा कि,
मैंने सुना है दुनिया पे शामत आयी है,
सारी दुनिया ठहर गयी है!
इसीलिए तुम मुझसे मिलने आये होगे,
वरना तुम लोगों पे इतना वक़्त कहा है!

फिर आऊंगा इतना कहकर रुखसत ले ली,
उसकी शिकायत पर अब तक शर्मिंदा हूँ।। #lackdown
आज दोपहर इनसे मिला,
पहचान नही पाए ये हमको
नाम बताया
याद दिलाया
तो थोड़े गुस्से में बोले,
"बीस बरस के बाद कोई मिलने आता है।"

घंटों बैठे , गुजरे जमाने की सारी बातें कर डाली,
बीच मे मैंने पूछ लिया था
बगल का पेड़ कहा है,
जिसकी झुकी हुई एक शाख पे हमने कितनी दुपहरी काटी है..?
आंखों में आँसू भरके..वो मुश्किल से इतना बोला..
दोस्त था मेरा, बूढा होकर सूख गया था।

चलने को तैयार हुआ तो बोल पड़ा कि,
मैंने सुना है दुनिया पे शामत आयी है,
सारी दुनिया ठहर गयी है!
इसीलिए तुम मुझसे मिलने आये होगे,
वरना तुम लोगों पे इतना वक़्त कहा है!

फिर आऊंगा इतना कहकर रुखसत ले ली,
उसकी शिकायत पर अब तक शर्मिंदा हूँ।। #lackdown