रिद्धि-सिद्धि शुभ-लाभ के दाता, देख हर्षित हो गौरी माता, श्री मुरुगन के तुम प्रानप्रिय भ्राता, शिव शंकर के हृदय समाता ।। बुआ तुम्हारी सरस्वती माता, फूफा लगे जग के निर्माता, मामा तुम्हारे जग पालनकर्ता, लक्ष्मी से मामी का नाता ।। दुखियों के तुम संकटहर्ता, दुष्टों के तुम संहारकर्ता, रक्षा करो है प्राण प्रदाता, पाप अधर्म संकट गहराता ।। जग में जो कोई तुमको ध्याता, सुख-समृद्धि सौभाग्य को पाता, हर वर्ष जब तू विराजने आता, जन जीवन प्रफुल्लित हो जाता।। श्री गणेशाय नमः #Ganesh #extendedpoem #गणेशजी #ganeshchaturthi #Nozoto #NozotoHindi #hindi #hindipoem #bhaktipoem