बचपन और मिट्टी बचपन तेरी मिट्टी भी कमाल थी आज जिस मिट्टी में खेलने से मना करते हैं हमारे बचपन के तो हर पल आज भी उसी मिट्टी में रहते हैं वो खेतों के किनारे बने मिट्टी के रोडो की बात थी वह जून धूप की बात थी साइकिल नहीं जानते थे चलाना फिर भी उन धूल वाले रोड पर साइकिल को ही चाहते थे चलाना गंदे करते थे एक दूसरे को मिट्टी से बने गोलो से पता नहीं क्यों वह बचपन ही था जब हम गंदे होते थे अपने ही बनाए खेलों से बचपन की बात निराली थी क्योंकि उस मिट्टी में ही हमारे बचपन की बात आली थी वाकई में बचपन तेरी हर एक बात निराली थी ©shayar Badal 😘😘😘😘 #BachpanAurMitti