सुबह इधर भी आओ री... शुभ प्रभात! चलो फिर से महसूस करें कि धरती अभी अभी मुस्काई है, पंछियों ने कलरव फिर से शुरू किया है... दुनिया, आँखें खोलो, कि भोर हुई री! कविता - प्रियंतरा भारती #Kavita #Duniya #ekduniyabunteh #Subahkikavita #BhorHui #Poetryformorning #WishGoodMorning #KavitaKiduniya #Nazme #Writersonnojoto #poetscommunity #poetrycorner