"जमीं" का "आसमां" से मिलन करा दे, अब ऐसी कोई हौसलों में जुर्रत नहीं दिखती... की,,, "जमीं" का "आसमां" से मिलन करा दे, अब ऐसी कोई हौसलों में जुर्रत नहीं दिखती... मैं बैठा हूं 💚मूरत💚 के दीदार में जिस, अब उस मूरत की बहुत दिन से कोई नई सूरत नहीं दिखती...!!— % & 💚💚💚 इंतज़ार में "मैं"...!! 💚💚💚 . . . . .