सब्जी नही हैं ये, लेखन है,भाव हैं अनमोल । उनके भाव सब्जी के माफिक न तोल, ये जज्बात है इनका बहुत है मोल। तुम्हारा दिल लगता है तो खरीदिए और पढ़िए, प्लीज़ 10 का 5 रू कर दीजिए ये न करिए ।। मान बनाए रखिए सब का और हमारा ये शब्दो की माला पर हक हमारा मेहनत से बिनते हम शब्दो की माला मन को लुभा जाए आपके ,तो उद्धार हो हमारा। प्लीज🥺🥺🥺🥺 सभी योर कोट लेखकों को समर्पित।।🙏🏻🙏🏻 आप भी सहमत है तो एक कॉमेंट करें। #सहमत 🙏🏻🙏🏻🙏🏻 बिना पढ़े लाइक ना कीजिएगा बहुत दुख होता है 🥺🥺 #paidstory #yourquote