मुझसे बरहम है ज़माना कि मैं सच कहता हूं, झूठ बोलूं तो बना ले मुझे रहबर अपना। वो तो दरिया है जिसे चाहे बना ले सहिल, हम हैं सहरा, नहीं चुन सकते समंदर अपना। مجھ سے برہم ہے زمانہ کہ میں سچ کہتا ہوں جھوٹ بولوں تو بنا لے مجھے رہبر کھلا اپنا وہ تو دریا ہے جسے چاہے بنا لے ساحل ہم ہیں صحرا نہیں چن سکتے سمندر اپنا #aliem #barham_zamana #sachchai #sahra #samandar #urduhindi_poetry #yqbhaijan #urdupoetry