रूठ कर ही चलता जो इश्क़, फिर मनाता कौन, मज़ाक को ना समझे जो उसे लतीफा सुनाता कौन, रोज़ रोज़ होने लगते गिले शिकवे जब रिश्ते में 'कुमार' ठहराव आ जाता है फिर, जो बस है बढ़ाता मौन! तुझे तुझसे ही था मतलब, तू बड़ी बेदर्द निकली ख़ुश हूँ जल्दी सम्भला, दिख गया तेरा चेहरा असली #kumaarsthought #एहसासऔरतुम #बेदर्द #मतलबी #झूठेरिश्ते #नफ़रत 1300 खत्म हुए आज..!