वो भोली सी लड़की क्या याद है तुम्हें वो भोली सी लड़की याद है तुम्हें शर्माती हुई तो कभी मुस्काती हुई नादान सी, एक दम से सब जानते हुए अनजान सी बन जाती हुई वो भोली सी लड़की याद है तुम्हें एक अलग ही सख्सियत समटे हुए खुदमें अपने होने का एहसास दिलाती हुई कभी शर्माती हुई तो कभी मुस्काती हुई तितलियों से खुबसुरत हैं ख्वाब उसके