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त्रिभुवन के स्वामी तुम ही, तुम ही हो जगदीश नील द

त्रिभुवन  के स्वामी तुम ही,
तुम ही हो जगदीश
 नील देह पर पीत पट,
मोर मुकुट सोहे शीश
पूज रहे तुमको मिलकर
संग गिरिजा और गिरीश
 तुम  मोहन सबके हो प्यारे,
यशुदा के आँखों के तारे
 शुभ घड़ी देखो फिर से आई,
उपवन की कलियाँ मुस्काई
 माता लेती हैं बलैया,
हर्षित हुई तुझे देती आशीष
त्रिभुवन के स्वामी तुम ही,
तुम ही हो जगदीश ||
HAPPY JANMASHTAMI
19-8-22

©स्मृति.... Monika #JANMASHTAMI2023