कभी किसी_____ काली घनी रात के ढलने से पहले। उस काली घनी रात को.... रोशनी देने वाली कोई बाती बुझ जाए। तो मुझे माफ़ करना यारों ॥IIIII क्योकिं उस दिये मेें तेल(ईंधन).... ही उतना पड़ा हुआ था। जब तक वह रोशनी दे रहा था॥ इस में गलती उस बाती की नहीं है इस में तो गलती.... उस दिये में तेल रखने वाली की है......??? ( यारों यहाँ पर मैनें बाती की तुलना..... प्रत्येक मनुष्य से की है। और दिये में तेल की तुलना..... आयु(उम्र) से और दिये में तेल (ईंधन)..... डालने वाले की तुलना.... भगवान(ख़ुदा,मालिक,परमेश्वर) से की है....!! #life