बंजारों की ज़िंदगी मुझे पसंद है !! आज़ाद परिंदो सा भटकना, वो उनका, बेख़ौफ़ जीना, उनकी उम्मीदों की कमी मुझे पसंद है !! इनसे सीखा है मैने कि, आभावो में तृप्त कैसे रहा जाए !! दो वक्त की रोटी की फिक्र किसे नही, पर, ईश्वर पे इनका अटूट विश्वास मुझे पसंद है !! बहती नदी की धार सा जीवन इनका, आज कहीं, तो कल कहीं और ठिकाना इनका, बेफिक्री से जीने की कला में माहिर ये, खुद को हर हाल में ढाल लेना, मुझे पसंद है !! ©Bhushan Rao...✍️ #Nojotowriterclub #walkingalone Amita Tiwari 🎤✍️🎸 Sudha Tripathi