कल एक वाइल्ड लाइफ चैनल पर देखा कि कैसे एक शेर ने एक मासूम से छोटे से हिरन के बच्चे को बचाया, उसे दुलारा और प्यार किया यहाँ तक कि जब भी वो हिरन का बच्चा उससे दूर जाने की कोशिश करता तो वह बहुत ही सावधानी से उसे मुँह में पकड़ते हुए अपने पास ले आताI बार-बार उसे इस बात का भी पूरा ध्यान रहता कि कहीं उसके नुकीले दाँतों से उस नन्हे बच्चे को कोई चोट ना लग जाएI थोड़ी ही दूर पर खड़ा एक दूसरा शेर जब उस बच्चे पर नज़रें गड़ाए खड़ा होता है और उस पर आक्रमण करने की कोशिश करता है तो बच्चे के बचाव में आते हुए वह दूसरे शेर को भगाते हुए उस बच्चे की पूरी तरह से रक्षा करते हुए उसे बचा लेता हैI कल ये घटना देखते वक़्त मुझे बार-बार हमारे उन वीर जवानों के बारें में याद आ रहा था जिन पर बहुत ही कायरतापूर्ण ढंग से हमला किया, जिसमें हमारे सैनिकों ने अपनी जान गवाँ दीI पहले लोग जंगली जानवरों से डरते थेI घने जंगल और सुनसान इलाकों में जाने से काँपतें थे कि कहीं कोई जंगली जानवर हमला ना कर देI कहीं शेर, चीता या भालू आक्रमण ना कर दे पर आज जो घटनाएँ हो रही है उसे देखकर पूरी तरह से समझ में आ गया है कि इंसान जंगली जानवरों से भी खतरनाक हो गया है उसे हमला करने के लिए अब किसी सुनसान इलाके की ज़रूरत नहीं रहीI उसे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता कि जिन लोगों ने उसका कोई नुकसान नहीं किया, जो लोग शान्ति से अपने मार्ग पर चले जा रहे थे, उनका पीछा करते हुए, उन पर आक्रमण करते हुए उनकी जान ले लीI आज तीन दिन बीत जाने के बाद भी ना जाने कितनी बार आँखें भर आती है, पूरे देश के मन में जो दुःख और गुस्सा है वो ख़त्म ही नहीं हो रहा हैI आज पूरा देश हमारे सैनिकों के लिए दुखी है...बहुत दुखी हैI