"मौसम" मेरे दिल का मौसम मेरे मुताबिक कहाँ रहा कभी वसंत कभी पतझड़ तुम्हारी चाहतों से रहा चाहा जब सर्द रातों में हथेली की गर्माहट को आँखों से तब आँसुओं का सैलाब ही बहा तकती रही मैं ऊँचे आकाश की ओर पर इन्द्रधनुष मेरी नज़रों से ओझल ही रहा जो भी मौसम रहा मेरे दिल का विरोधी ही रहा तुम्हारे स्पर्श की मृगतृष्णा में शापित मन मेरा कल्पनाओं की मरूभूमि में भटकता ही रहा...! 🌹 #mनिर्झरा 15/365 04/01/2021 #मौसम #rzmph #yqdidi #bestyqhindiquotes #yqlove