शीर्षक - डाँट डाँट जीवन का मार्ग प्रशस्त करती है, पर उस डाँट के भी कुछ नियम होने चाहिये। डाँट ज़िंदगी की ग़लतियों में सुधार लाती है, पर उस डाँट की भी एक मर्यादा होनी चाहिये।। डाँट हरपल की बालमन में ढीठपन ला देती है, पर उस डाँट में भी कुछ सीख होनी चाहिये। डाँट इंसान को tit for tat सी लगती है, पर उस डाँट में भी धैर्य व सामंजस्य होना चाहिये।। ©® जितेन्द्र विजयश्री पाण्डेय "जीत" #जीतकीनादानकलमसे #डाँट