गलती से तूने जो फुल दिया था हमें। हम शायद नादान थे तुम्हारा इज़हार् समझ लिया था प्यार का 💕। आओ अन्ताक्षरी खेलें।अन्ताक्षरी का तीसरा दिन। पहला शब्द - फूल नियम:- 👉यह एक साप्ताहिक अन्ताक्षरी प्रतियोगिता है। इसमें आप सभी लेखक और लेखिका कोलाब कर अपनी रचना लिख सकते है। 👉पंक्तियों की कोई बाध्यता नहीं है।