बजट - दो टूक निस्तेज प्रवेश हुआ, बजट पेश हुआ, चंचल परिवेश हुआ, बेचैन देश हुआ, भ्रम शेष हुआ, कर विशेष हुआ, मुफ्त कलेश हुआ, विकास लेश हुआ, हैरान भेष हुआ, झीना ठेस हुआ, गुप्त समावेश हुआ, नया निवेश हुआ, बासी विनिवेश हुआ, एक बार फिर- बजट पेश हुआ ! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #बजट #kaviananddadhich #poetananddadhich #poetsofindia #Budget2024